'संगिनी' - एक कहानी (भाग १/५) | छाया: पीनल देसाई| सौजन्य: क्यूग्राफ़ी |

‘संगिनी’ (श्रृंखलाबद्ध कहानी भाग २/५)

कहानी की पहली कड़ी यहाँ पढ़ें। सोचती थी कि भगवान ने उसका मन ऐसा क्यों बनाया जो लड़की होकर भी एक लड़की को चाहने का मन करता है। क्यों ऐसी भावनायें उसके अन्दर भर दीं ... Read More...
'संगिनी' - एक कहानी (भाग १/५) | छाया: अविजित चक्रवर्ती | सौजन्य: क्यूग्राफ़ी |

‘संगिनी’ (श्रृंखलाबद्ध कहानी भाग १/५)

जब से मनीषा की शादी तय हुई तभी से उसकी बेचैनी सातवें आसमान पर थी। उसने सपने में भी शादी के बारे में नहीं सोचा था। वो तो शादी करना ही नहीं चाहती थी। उसने सीधे अप... Read More...

My Sexuality Doesn’t Define Me

Yes, I am gay and it doesn’t make me a pervert and I won’t try upon you. Nor does it give you the right to judge my sexuality. My sexuality is no one else’s business to judge and to comment upon

My Journey of Self Discovery as a Trans Man

17 years of living but not really living ends here. The rest of my life is gonna be the best of my life; I know that. Despite of all the difficulties that come, I'll still be happy cause I'll be me.