5 साल से घरवालों से दूर रहनेवाले समलैंगिक लड़के का अपनी माँ को खत

माँ पहले आप मेरे लिए रोती थी, आज मैं आपके लिए रोता हूँ। माँ मुझे आपकी बहुत बहुत याद आती हैं। आँखों से आँसू आते हैं तो थमने का नाम ही नही लेते।
delhi pride

Poem : Proud of Being Me

They say am cursed, am a sinner, Yes I am, in all glamour. They say am against God, am not pious, Yes I am not, I love being inauspicious.

कहानी : रंगीली और उसकी मौत का रहस्य

बचपन से ही लगता है कि या तो मैं पागल हूँ, या फिर मेरे आस पास जितने भी लोग है वो पागल हैं। अम्मा कहती थी थोड़ा अलग सा हूँ सबसे। बड़े हुए तो पता चला कि हम सबकी अ... Read More...