Homophobia, Society and Violence

If we are truly honest with ourselves, we might realise that somewhere within our family circle and networks of friends, there is someone who is either lesbian or gay or bisexual, transsexual, intersex or queer.
सागर और राजेश - एक कहानी

‘सागर और राजेश’ – एक कहानी (भाग २/२)

इस कहानी का पहला भाग आप यहाँ पढ़ें । दूसरा और आखरी भाग: अपना दूसरा हाथ, सागर ने रिक्शावाले के कंधे पर रखा । रिक्शावाले के कंधे भालू जैसे बड़े और बोझल थे । सागर ... Read More...
संघर्ष: धीमा, मगर निरंतर

(३७७ के) ‘गमन’ की आशा! (संपादकीय)

संघर्ष: धीमा, मगर निरंतर ! तस्वीर: चैतन्य चापेकर; सौजन्य: QGraphy २ फरवरी २०१६ को भारतीय उच्चतम न्यायलय ने नाज़ फ़ौंडेशन व अन्य प्रार्थाकों द्वारा पेश की गई उपच... Read More...