सुलगते जिस्मों को हवा ना दो
खाख़ हो जायेगीं कोशिशें
न वो हमें देखते हैं, न हम उन्हें
नज़र वो अपनी थामे हैं, हम इन्हें
कुछ कहने की चाहत न उन्हें हैं, न... Read More...
एक रात एक सपना आता है,
जिसके दो पहेलू होते हैं।
एक में तो हम सोते हैं,
दूसरे में अन्दर से रोते हैं।
एक पहेलू में होती खुशियाँ सारी ,
जहाँ ख़्वाबों की होती प... Read More...
पहनो जो तुम पहनना चाहते हो
करो जो तुम्हारा दिल कहे
ज़माने की बंदिशों को परवरदिगार न समझ
अनासिर बुत न समझ मुझे
मैं भी उतना ही खुदा हूँ जितना है तू घुंगरू ... Read More...