प्रस्तुत है इस स्वगत-कथन की उत्तर-कृति:
वह चुपचाप होने वाली बातें जो होकर रह गयी हैं: वक़्त के तले में अब भी चिपकी हुई हैं। वो कुछ न कह सके हम कुछ न कह सके; कभी... Read More...
तस्वीर: राज पाण्डेय, सौजन्य: QGraphy
ये बातें उस दौर की हैं जिसे गुज़रे ज्यादा समय नहीं बीता है। पर इतना कुछ बदल चुका है, कि ये बातें किसी और ही सदी की ल... Read More...