संपादकीय: ‘तथाकथित’ से ‘संवैधानिक’ तक: व्यक्तिगतता की जीत ने जगाई लैंगिकता अल्पसंख्यकों में आशा की किरण
“निजिता या व्यक्तिगतता एक आतंरिक और मूलभूत अधिकार है”। भारतीय उच्चतम न्यायलय के ९ न्यायाधीशों के संविधान पीठ ने आज २४ अगस्त २०१७ को यह ऐतिहासिक फैसला दिया। संवि... Read More...