लैंगिकता मानव पहचान का एक जटिल और बहुआयामी पहलू है, जिसमें अनुभवों, इच्छाओं और झुकावों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। समाज में समावेशिता और स्वीकृति को बढ़ाव... Read More...
बाइनरी अंक से कंप्यूटर चल सकते हैं, इंसान नहीं। गे होने या न होने का सवाल न्याय से शुरू होकर लोकतांत्रिक मूल्यों तक पहुँचा है। ये ज़रूरी है क्योंकि इससे हम किसी भी लैंगिकता को सामान्य और आधुनिक परिप्रेक्ष का हिस्सा समझ कर अपनाएँगे।