यह दूसरी बार था, जब मैंने उसे ग्राइंडर पर पकड़ा था। अभी उसे बताना नहीं चाह रहा था क्योंकि उसकी परीक्षा चल रही है। इंतज़ार कर रहा था कि कब उसकी परीक्षा ख़त्म हो और... Read More...
ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं कागज़ पेन से नहीं, दिल से बयां करता हूँ।लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
समलैंगिक हूँ कोई अभिशाप न... Read More...
इतने सालो में सब बदल गया होगा: उसकी हँसी, उसकी बातें, सब बदल गया होगा। अब वो मिले तो शायद मुझे नए सिरे से अपनी तलाश शुरू करनी होगी... कि 'वो है... या नहीं ?'।
वह थी हकीक़त या ख़्वाब
जो देखा था कल रात को
सुबह उठकर न भूली
मैं तो उस बीती बात को
सदियों से जैसे बिछड़े
वैसे हम दोनों मिले थे
और गुज़ारे चाँद लम्हें जैसे
वह... Read More...
इस कहानी का पहला भाग आप यहाँ पढ़ें ।
दूसरा और आखरी भाग:
अपना दूसरा हाथ, सागर ने रिक्शावाले के कंधे पर रखा । रिक्शावाले के कंधे भालू जैसे बड़े और बोझल थे । सागर ... Read More...
सागर और राजेश: एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।
शुक्र है दुकानों में खरीदारों की भगदड़ नहीं मची थी। सागर के चश्मे पर भांप जम गई। अभी-अभी वह ४२२ नंबर की ठंडी ए.सी. ब... Read More...