बहुत कोशिश करता था खुद को बदलने की, लड़को की तरह रहने की, चलने की, बात करने की पर हर बार मैं वही हरकत करता जो मुझे अछी लगती। इस वजह से स्कूल में हँसी का पात्र बन गया
विजय की सहनशक्ति तब खत्म हुई जब हर कोई उसे चिढ़ाने लगा, कोई कहता था "तू इस कॉलेज से चला जा तेरे जैसों का यहाँ कोई काम नहीं" तो कोई उसके सामने "ए छक्के" कहकर चिढ़ाता था।
यादें अजीब चीज़ है| हम पाँच साल तक साथ थे- हर वीकेंड पर जब मेरे पास स्थान होता था और मेरे रूम पार्टनर बाहर गए होते थे; और उसकी पत्नी यहाँ वहां होती थी| उ... Read More...