एक रात एक सपना आता है,
जिसके दो पहेलू होते हैं।
एक में तो हम सोते हैं,
दूसरे में अन्दर से रोते हैं।
एक पहेलू में होती खुशियाँ सारी ,
जहाँ ख़्वाबों की होती प... Read More...
पहनो जो तुम पहनना चाहते हो
करो जो तुम्हारा दिल कहे
ज़माने की बंदिशों को परवरदिगार न समझ
अनासिर बुत न समझ मुझे
मैं भी उतना ही खुदा हूँ जितना है तू घुंगरू ... Read More...
जलते कोयले पर जमी राख की परत को
मिली है तुम्हारे स्पर्श से हवा
अब इस सुलगी आग का क्या करूँ मैं?
छोड़ दूँ गर इसे अपने नतीजे पे
तो प्रश्न अस्तित्त्व का है
ब... Read More...
The sixty poems in The Tree Outside My Window is a Drama Queen are short pieces, and can be read in bursts. They coalesce around nature, and in contrast, technology. Often, Matta’s poems speak of gayness and its proscription in this country.
'रिवाज' - एक कविता | छाया: आकाश मंडल | सौजन्य: QGraphy
कई दिनो से वो एक दुसरे को जानते थे
अच्छी तरह न सही
पर एक दूसरे के अस्तित्व में होने को तो
वो ज... Read More...
- अभिजीत। "यह जो एक बात है" - एक कविता।
एक बात है होठों तक जो आई नहीं,
बस आँखों से है झाँकती,
तुमसे कभी,
मुझसे कभी,
कुछ लव्ज़ हैं वह माँगती।
जिनको ... Read More...
हरवंत कौर चार दशकों से शायरी लिख रहीं हैं। सरल भाषा में वह अपनी भावनाएँ बख़ूबी व्यक्त करती हैं। प्रस्तुत है 'एहसास' नामक संग्रह से उनकी एक कविता: समंदर ने कह... Read More...
'बारिश'; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
बारिश...
कुछ कहानियाँ हैं छुपी, कुछ बातें बुनी थी
कब यादोंको टकराके ये गिर गयी, पता नहीं
पर
कुछ कह गयी, कुछ सुना गयी
छ... Read More...
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
कभी-कभी लगता हैं, बस हम एक साथ चलें
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें।
न एक दू... Read More...
"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
ढूंढो एक तरीक़ा
इस बियाबाँ में
अपने दिल को बहलाने का
एक तरीक़ा अपनी रूह को जगाने का
एक तरीक़ा अपने अस्तित्व को ... Read More...