'बारिश'; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
बारिश...
कुछ कहानियाँ हैं छुपी, कुछ बातें बुनी थी
कब यादोंको टकराके ये गिर गयी, पता नहीं
पर
कुछ कह गयी, कुछ सुना गयी
छ... Read More...
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
कभी-कभी लगता हैं, बस हम एक साथ चलें
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें।
न एक दू... Read More...