Poetry

man with nath

Poem: Nath

“Poetry Is Possible” is a new poetry book by Vikram Kolmannskog. It is coloured by Vikram’s identity as a gay, spiritual, Indian-Norwegian man.
तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

बोझ नज़र का – एक कविता

तस्वीर: बृजेश सुकुमारन - अक़ीला ख़ान तुम्हारी नज़र मुझमे ऐसी गड़ी ठिटक कर मैं साकित-सी रह गई खड़ी कोई नश्तर-सा पेवस्त बदन में हुआ निगले जाने का अहसास तन में ... Read More...
india protests against Supreme Court decision

काव्यात्मक प्रतिवाद

समानता का प्रस्ताव ३७७ में बदलाव (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)   जो बात उड़ चली वह फिरसे दफ़न नहीं होती   रविवार, १५ दिसंबर २०१३ को भारत और विश्व के व... Read More...