Poem

'सिसक' (एक कविता) | तस्वीर: हृषिकेश पेट्वे | सौजन्य: क्यूग्राफी |

सिसक – एक कविता

रोशनदानों की रोशनी सी पुलक-पुलक मैंने इबादत पढ़ी है जो परवरदिगार इसका तू और आयात तेरे अफ़साने। जावेदा-सी नहीं है ये शमा कोई, तेरी जुस्तजू में आफ़ताब-सा मेरा हिय... Read More...