प्रस्तुत है इस स्वगत-कथन की उत्तर-कृति:
वह चुपचाप होने वाली बातें जो होकर रह गयी हैं: वक़्त के तले में अब भी चिपकी हुई हैं। वो कुछ न कह सके हम कुछ न कह सके; कभी... Read More...
कहानी की पहली किश्त यहाँ पढ़ें।
उसका घर, घर जैसा था। फिर बातें हुई, बहुत-सी बातें, कुछ जरुरी थी, कुछ ग़ैर-जरुरी, कुछ याद हैं, बहुत-सी नहीं भी। उन बातो का सार यही... Read More...
एक सपना हर रात आता है। अँधेरा-सा कॉरिडोर है। कोने पर लिफ्ट है। गरदन झुकाये मैं चला जा रहा हूँ। आवाज़ आती है। "एक ही प्रेस करना, ज़ीरो नहीं।" कोई चेहरा नहीं। बस ... Read More...
'रिवाज' - एक कविता | छाया: आकाश मंडल | सौजन्य: QGraphy
कई दिनो से वो एक दुसरे को जानते थे
अच्छी तरह न सही
पर एक दूसरे के अस्तित्व में होने को तो
वो ज... Read More...
'अलविदा' - एक कहानी (भाग २/२)
'अलविदा' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है कपिल कुमार की २ किश्तों में पेश शृंखलाबद्ध कहानी ‘अलविदा’ का दूसरा और आखरी भाग:
उ... Read More...
अलविदा - एक कहानी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
प्रस्तुत है कपिल कुमार की कहानी अलविदा का पहला भाग:
१
बोर्ड की परीक्षा थी। प्री-बोर्ड के बाद ही मैंने स्कूल जाना ... Read More...
'आख़री बार' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।
वे आख़री बार मिल रहे थे। वे चुप थे।
वैसे भी उन्होंने कभी ज्यादा बातें नहीं की थी। वरुण यह मानता था कि जिनके साथ आप बा... Read More...
'नया शहर' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।
नया शहर था, उसकी नींद आज फिर टूट गयी। वो सकपका कर जगा; कुछ वक़्त तक वो समझने की कोशिश करता रहा ,कहाँ है वो? बचपन में ... Read More...
'अजीब वो' - एक कथा। तस्वीर: सचिन जैन।
वह अजीब था। हमेशा अपने आप को समेटता रहता था, फिर भी बिखरा-सा था। हज़ारो हज़ार बातें थी, पर वह ख़ामोश था; अधूरा था वह पर उसे... Read More...
- कपिल कुमार।
वो उनकी बातो से बच कर निकल जाना चाहता था। वो आज हसना नहीं चाहता था।
"चल तू ऐसे किसी से पूछ ही नहीं सकता", प्रेरित बोल रहा था। ऑफिस की केन्टीन ... Read More...