छलकाएं अपने असली रंग! तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
इस अंक की थीम है 'असली रंग'। वक़्त आ गया है, कि क्वीयर कम्युनिटी अपने विभिन्न रंगों से समाज को रंगने से नहीं डरे।... Read More...
चुनाव की सरगर्मी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
आने वाले कुछ महीनों में तस्वीर साफ़ हो जाएगी कि देश में किसकी सरकार बनने वाली है। असल में २०१४ का ये चुनाव अपने में ... Read More...
आदित्य और मैं... मैं और आदित्य..। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
मैं आदित्य से अभिन्न हूं। हम दो शरीर एक जान हैं।
पढ़िए कहानी की पहली, दूसरी और तीसरी कड़ी। पेश ... Read More...
ग़ौर फरमाएँ, असलीयत देखें! तस्वीर: जोएल ल ब्र्युषेक।
पर्दाफ़ाश
जाने क्या दफ़न है
खिले हुए चमन में
कसकर बंद कफ़न है
सच्चाई के दमन में
पर्दाफाश करने के लिए
क़फ़... Read More...
भ्रम, शर्मिंदगी और इंकार से आत्म-स्वीकृति तक। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
१९६० के दशक में जनमें एक भारतीय समलैंगिक की जीवन कहानी, उनकी ज़बानी। दो भागों का पहला भ... Read More...
नमस्ते, मेघालय से! तस्वीर: बृजेश सुकुमारन
मेरा नाम रेबीना सुब्बा है। मैं एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हूँ। मेरे राज्य मेघालय की राजधानी शिलोंग में मैंने और ब... Read More...
इम्फाल प्राइड २०१४। यूथ हॉस्टल, खुमान लम्पक से परेड की शुरुआत। तस्वीर: कौशिक गुप्ता।
इस प्राईड वॉक या गौरव यात्रा का आयोजन १५ मार्च २०१४ को मणिपुर राज्य की रा... Read More...
चुनाव की रंगारंग सरगर्मी में समलैंगिक अधिकारों की दखल? तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
राजनैतिक दलों और राजनीति का हम सब की ज़िन्दगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है। देश के... Read More...