हम नहीं हैं अपराधी! (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
नमस्कार! नए साल २०१४ के पहले दिन गैलेक्सी के हिंदी संस्करण - भारत के पहले लैंगिकता अल्पसंख्यकों के हिंदी मासिक का... Read More...
समानता का प्रस्ताव ३७७ में बदलाव (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
जो बात उड़ चली वह फिरसे दफ़न नहीं होती
रविवार, १५ दिसंबर २०१३ को भारत और विश्व के व... Read More...
३७७ भारत छोडो! (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
सुप्रीम कोर्ट से आये इस फैसले पर आवाजें भी उठनी शुरू हो चुकीं हैं
वो सुबह अपने आप में कई मायने में ख़ास थी। ता... Read More...
पुनरपराधिकरण से कोलाहल (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
एक युवक की सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पश्चात विडियो द्वारा व्यथित प्रतिक्रिया
लैंगिकता को समझने के लि... Read More...
संघर्ष जारी है (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
ये अधिकारों और समानता की लड़ाई है
हमारे समाज का बड़ा तबक़ा अपने अधिकारों को पाने के लिए लड़ रहा है। इसमें ‘आधी आब... Read More...
दुष्यंत
रूढ़ीवादी सोच को बदलने का एक सराहनीय मराठी नाट्याविष्कार
कालिदास की मशहूर कृति ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ को भले ही आपने न पढ़ा हो। हाल ही में मुब... Read More...
आदित्य - एक कहानी. तस्वीर: बृजेश सुकुमारन
मैं आदित्य से अभिन्न हूं। हम दो शरीर एक जान हैं
अक्सर नेट दोस्तों से बात करते हुए वो आदित्य के बारे में पूछ... Read More...
"मैं नैसर्गिक हूँ" (तस्वीर: बृजेश सुकुमारन)
मैं एक पुरुष हूँ, और पुरुषों के प्रति आकर्षण मेरे लिए पूर्णतः स्वाभाविक है
कुछ लोगों की धारणा है के प्रकृ... Read More...