बहुत कोशिश करता था खुद को बदलने की, लड़को की तरह रहने की, चलने की, बात करने की पर हर बार मैं वही हरकत करता जो मुझे अछी लगती। इस वजह से स्कूल में हँसी का पात्र बन गया
यह दूसरी बार था, जब मैंने उसे ग्राइंडर पर पकड़ा था। अभी उसे बताना नहीं चाह रहा था क्योंकि उसकी परीक्षा चल रही है। इंतज़ार कर रहा था कि कब उसकी परीक्षा ख़त्म हो और... Read More...
'लिहाफ मेरे मोहल्ले में '| छाया: बिनीत पटेल | सौजन्य: QGraphy
हमारे घर के सामने एक छोटी-सी किताबों की दुकान/ लायब्रेरी हुआ करती थी। किताबों की छोटी-सी दुकान म... Read More...
श्रीणिवास रामचन्द्र सिरास अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मराठी के प्राध्यापक, और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष थे। "अलीगढ़" (हिंदी, २६ फरवरी २०१६ को प्रदर... Read More...
तस्वीर: बृजेश सुकुमारन
- अक़ीला ख़ान
तुम्हारी नज़र मुझमे ऐसी गड़ी
ठिटक कर मैं साकित-सी रह गई खड़ी
कोई नश्तर-सा पेवस्त बदन में हुआ
निगले जाने का अहसास तन में ... Read More...