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तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

बोझ नज़र का – एक कविता

तस्वीर: बृजेश सुकुमारन - अक़ीला ख़ान तुम्हारी नज़र मुझमे ऐसी गड़ी ठिटक कर मैं साकित-सी रह गई खड़ी कोई नश्तर-सा पेवस्त बदन में हुआ निगले जाने का अहसास तन में ... Read More...