Gay Kavita

कविता: बधाई हो ! नवजात हुआ है….

बधाई हो !नवजात हुआ हैखुशियों का अंबार लगा हैहाय ! ये क्या हुआ ?तुम सबका चेहराअचानक मातम में क्यों बदल गया ? हे भगवान ! ये तो किन्नर पैदा हो गयाअरे ! किसी को... Read More...

कविता : किन्नर हैं वो !

न नर हैंन नारी हैं वोलोगों के कथनानुसार -किन्नर हैं वो ! कोई कहे उन्हें छक्कातो कोई कहे बीच वालाअरे ! तुम भी कोई नाम दे दोइससे भी नीच वाला मत रुको तुम भी... Read More...
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कविता : ये डरता है हिजड़ों से !

एक बात हमेशा ध्यान रखनाबच्चों के मन में कभी भीकोई ग़लत बात मत बैठानावो चीजें जीवनभर नहीं छोड़तीं, कुछ बड़े बैठा देते हैंबच्चों के मन मेंबेवजह का डर..वो डर क... Read More...

कविता: हम उनको जगाते हैं

समलैंगिक संबंध और शादी ही नहीं, शिक्षा और रोज़गार का गीत गुनगुनाते हैं, बहुत सो चुके हैं लोग, अब हम उनको जगाते हैं I
crying eye

कविता : दद्दा

मैं ढूँढता रहता हूँ ख़ुद को, शराब की ख़ाली बोतलों में. लुढ़के हुए गिलासों, जूठी तश्तरियों में