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holding hands, friendship

कविता : एक मुलाकात

फिर एक बार तुमने तुम्हारे सपने बताये और फिर एक बार मैं अपनी ख्वाहिशें दबाने में कामयाब हो बैठा।

कविता : बता ज़िन्दगी

मैं देख तो लूँ फिर से सपने नये, बता ज़िन्दगी तूँ मुस्कुराने की वजह देगी क्या???