जेंडर

Trans

उसने पूछा था…

ऐसा क्यों होता है हमारे समाज में? ऐसे बच्चे का इसके लिए क्या दोष है? उसे भी तो उसी ईश्वर ने बनाया है जिसने अन्य सभी को बनाया है, फिर वो इस उपेक्षा का शिकार क्यों? वो समस्या नहीं है किसी के लिए।

रविश के नाम ट्रांस* बिल के विरोध में खत

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ हिंसा करने वाले लोगों को सिसजेंडर लोगों के साथ हिंसा करने वाले लोगों से कम सज़ा देकर क्या साबित करना चाहते हैं? कि ट्रांसजेंडर समुदाय की जान का कोई मूल्य नहीं है?

एक ट्रांस लड़के की व्यथा

मुझे आज भी याद है वो दिन... जब मैं लड़कों के साथ स्कूल में बैठने के लिए तरसता रहता था।रोना आ जाता था लड़किओं के संग बिठाते थे तो। कुछ समझ नहीं पाया था वो पहला पी... Read More...

कविता : गुड़िया

गुड़ियाएं मेरे हर राज़ की राज़दार थीकपड़े से बनी, मोटी आँखों वालीअनगढ़ अंगों वाली और हमेशा हँसने वालीजब से बड़ा हुआ, मैंने हर अपना दुख कह दिया इनसेअपनी हर खुशी ब... Read More...

जेंडर के ढाँचे से जूझता मेरा बचपन

मैं बचपन से ही बहुत ही नटखट, चुलबुला और थोड़ा अलग बच्चा था| मेरी माँ फिल्मों और गानों की बहुत शौक़ीन थी| माँ के दुपट्टे की साड़ी पहनना, नाचना-गाना, मेरे बचपन क... Read More...