श्रुंखलाबद्ध कहानी 'वह थोड़ा अलग था' की पहली और दूसरी कड़ी पढ़ें। प्रस्तुत है कहानी की तीसरी और आखरी किश्त:
मैंने बात को न बताने के लिहाज से बात बदली, ‘‘अरे यार ... Read More...
कहानी 'वह थोडा अलग था' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है भाग २:
नौवीं की पढाई पूरी हुयी तो हम लोग दसवीं में आ गये। मोहन और मानसी अब भी मेरे साथ ही पढते थे। जु... Read More...
प्रस्तुत है लेखक धर्मेन्द्र राजमङ्गल की मार्मिक कथा 'वह थोडा अलग था' की पहली कडी:
उस समय की बात है जब मैं नौवीं क्लास में पढता था। मेरे दोस्तों की संख्या बहुत ... Read More...