कोई भी काम पहली बार ही नहीं, निरंतर यशस्वी रूप से करते रहना एक चुनौती है। नवंबर ९, २०१४ की तारीख इस बात का सबूत है क्योंकि हर साल की तरह पुणे के एल.जी.बी.टी.ई इतिहास का एक हिस्सा बनी प्राइड परेड का आयोजन समपथिक ट्रस्ट की और से किया गया था। लगातार चौथे वर्ष के लिए समुदाय के सदस्य और समर्थक अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए इंद्रधनुष ध्वज के नीचे पुणे, मुंबई और बैंगलोर जैसी अलग-अलग जगहों से पिछले वर्ष से दुगने, यानि ३५० से अधिक लोग शामिल हुए थे। इस साल स्वाभिमान यात्रा के लिए ‘यंगिस्तान ज़िंदाबाद’ यह थीम निम्न उद्देश्यों से रखी गयी थी: १) एल.जी.बी.टी.आई. युवक अपनी यौनिकता के साथ सहज हो सकें और समाज से न डरकर अपनी यौनिकता को स्वीकार कर कर समाज के सामने आ सकें। २) यह कहने के लिए कि हम भी दूसरों की तरह इंसान हैं और हमें भी अन्य लोगों पर लागू समान मूल्यों पर स्वीकार किया जाना चाहिए। ३) भारतीय दंड संहिता की धरा ३७७ के दायरे से सहमत वयस्कों को निकालने के लिए परिवर्तित किया जाना चाहिए, जिस हेतु से उपचारात्मक याचिका उच्चतम न्यायलय में प्रलंबित है।
इसलिए बतौर एक समलैंगिक युवक और समपथिक का ट्रस्टी, मुझे प्राइड परेड का ग्रैंड मार्शल होने का सम्मान मिला। परेड मार्ग भी इस बार युवाओं के अड्डे डेक्कन जिमखाना से गुज़रा। इस साल हमसफर ट्रस्ट, प्रयत्न, युवा विकास और उपक्रम केंद्र (सी.वाय.डी.ए.), सम्यक इत्यादि ने भाग लिया। शुरुआत में समपथिक ट्रस्ट के बिंदुमाधव खिरे ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्राइड की समर्थन और सहायता के लिए डेक्कन जिमखाना पुलिस स्टेशन, बाल गंधर्व पुलिस चौकी और डीसीपी ज़ोन-१ के पुलिस अधिकारियों को धन्यवाद दिया।
प्राइड परेड की सुरुवात् डॉ. राज आर. राव (पुणे विश्वविद्यालय के अध्यापक), श्रुता नेत्रा (हमसफर ट्रस्ट की प्रतिनिधि), ओंकार (क्वेस्ट-प्रयत्न के संस्थापक), मणि (ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि) और डॉ. विश्वास (एक समलैंगिक लड़के के पिता), श्री दीपक निकम (महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना अधिकारी), श्री सचिन पवार (ज़िला एड्स रोकथाम और नियंत्रण के पुणे पर्यवेक्षक) और मेरे द्वारा दीप जलाकर की गयी। इसके बाद प्राइड परेड की सुरुवात हुई संभाजी पार्क से। जंगली महाराज रोड, आर-डेक्कन, फर्ग्युसन कॉलेज रोड, शितोळे रोड से संभाजी पार्क पर यात्रा समाप्त हो गयी। प्रतिभागियों ने अंग्रेजी और मराठी नारे लगाये: “हे हे, हो हो, होमोफोबिअ हैस टू गो”, “नका करू दुजेपणा, हिजड़यांना ही आपले म्हणा”, “प्रेम म्हणजे प्रेम असतं, तुमचं आमचं सेम असतं”, “अता नाही तर माग कधी, ३७७ बदला आधी”।
प्राइड परेड के अंत में, सुदर्शन मित्रा मंडल के (एफ.सी. रोड) के अध्यक्ष श्री श्याम मार्ने ने श्री खिरे का सम्मान किया। और अंत में मुंबई से आए हुए एक ग्रुप ने लैंगिकता अल्पसंख्याकोन पर आधारित एक गाना गाया और गुब्बारे हवा में छोड़कर प्राइड परेड समाप्त हुआ।