नमन ने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही वह दरवाजे से बाहर निकला, मैने उसे आखिरी बार देखा और उसे एक मुस्कान दी। जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ, मैं ज़ोर ज़ोर से रोने लगा।
ये दिन और वह दिन जब हम पहली बार मिले थे मेरे इसी घर में। रविवार की दोपहर थी, और सूरज गर्म हवाओं के साथ त्वचा को छू रहा था। मैं नमन से आखिरी बार अपने छोटे से अपार्टमेंट में मिला, जिस अपार्टमेंट में हम पहली बार मिले थे। हम पिछले 5 सालों से एक-दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन बाकी चीज़ों की तरह प्यार भी हमेशा के लिए नहीं रहता। मुझे समझ नहीं आया कि वो केसे किसी और से भी प्यार कर सकता है।मेरे ना चाहते हुए भी मुझे उसे भुलाना पड़ेगा। उसका प्यार बस एक डेयरी के खोय हुए पन्नों की तरह ही हो जाएगा।। ऐसी बहुत सी यादें थीं जिन्हें हम त्यागना चाहते थे, लेकिन जैसे ही नमन दरवाजे से अंदर आया, वह सब देख सकता था कि कैसे यह समय कुछ ही क्षणों मे अंतिम हो रहा था।
हम ने बहुत सारी यादें बनाई हैं, लेकिन शायद, यह क्षण हमें सबसे ज़्यादा चोट पहुँचायेगा। शायद, यह पल हमारे पास वापस आता रहेगा जब हम दोनों अपने जीवन में आगे बढ़ चुके होंगे।
हमने उस दोपहर को प्यार किया। जोश था, गुस्सा था और भावनाओं का मिश्रण था जैसे पहले कभी नहीं था। दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे, लेकिन यह तथ्य कि वे हम अलग हो रहे थे, इससे चीज़ें आसान नहीं हुईं। हम दोनों इतने भावुक थे कि कुछ बोल ही नहीं सके, बस इशारों से ही बात हुई। उसकी झिझक महसूस हो रही थी। वो चाहता तो था कि मेरे साथ रहे पर वो मजबूर था। कभी-कभी नमन मुझे ऐसे पकड़ता जैसे वह मुझे चोट पहुंचना चाहता था, और कुछ समय बाद, नमन ने खुद को आत्मसमर्पण कर दिया। उसने मुझे आखिरी बार मेरे माथे पर चूमा था। नमन ने अपने आप को नियंत्रित नहीं किया और आँसू की एक बूंद मेरे होठों पर गिर पड़ी। ना चाहते हुए भी हमें एक दूसरे से अलग होना पड़ा।
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