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'भाकरिया डुंगरिया रे, थारे-म्हारे बीच मै'..."जीरो लाइन एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग २। तस्वीर: सचिन जैन।

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग २)

गेलेक्सी हिंदी के जून २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की पहली कड़ी। प्रस्तुत है दूसरी कड़ी: 'भाकरिया डुंगरिया रे, थारे-म्हारे बीच मै'..."जीरो लाइन एक पाक-भारत प्रेम ... Read More...
धनञ्जय चौहान

मेरी कहानी मेरी ज़बानी : धनञ्जय चौहान

धनञ्जय चौहान मैं , धनञ्जय चौहान, एक अति माध्यम वर्ग परिवार से हूँ जहाँ पर सेक्स के विषय पर बात करना तो दूर की बात है सुन भी नहीं सकते थे। मेरा जन्म देव भूमि उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में सन १९७० में हुआ। मेरे परिवार में खुशियों का माहौल था एक तो परिवा... Read More...
"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

ढूंढो एक तरीक़ा – एक कविता

"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। ढूंढो एक तरीक़ा इस बियाबाँ में अपने दिल को बहलाने का एक तरीक़ा अपनी रूह को जगाने का एक तरीक़ा अपने अस्तित्व को बचाने का। दिखलाता है यही तरीक़ा ज़िन्दगी की हकीक़त-ए-दास्ताँ ढूंढो इस तरीक़े को बनाये ... Read More...
नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.१

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग २)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.१ दोस्ती - हर तूफ़ान के बाद का किनारा, हर राह का हमसफ़र. नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.२ नाम तो बहुत सारे देते है: हिजड़ा, ट्रांससेक्सुअल, और ये तो सभ्य नाम हैं. इस दुनिया से मिलने वाली लानत के भी अनेक नाम है... Read More...
'राईट टू लव' प्रोजेक्ट। तस्वीर: अमोल पालकर।

प्यार करना, एक हक़ – मुलाक़ात, ‘राईट टू लव’ प्रोजेक्ट

'राईट टू लव' प्रोजेक्ट। तस्वीर: अमोल पालकर। ‘राइट टू लव’ एक ऑनलाइन प्रोजेक्ट है। एक कोशिश जिसका मक़सद समाज को ये बताना है कि लोगों को अपनी मर्ज़ी से प्यार करने का अधिकार होना चाहिए। साथ ही इसके ज़रिये ये दिखाना कि समाज के एक बड़े वर्ग को अपने जेंडर और ... Read More...
सीमाओं का उल्लंघन... बहादुरी या गुस्ताखी?

संपादकीय ६ (१ जून २०१४)

सीमाओं का उल्लंघन... बहादुरी या गुस्ताखी? तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक की थीम है सीमाएँ। मुझे बेहद ख़ुशी है गेलेक्सी हिंदी के इस अंक में पहली बार पाकिस्तान से लेख प्रकाशित होने की! लाहौर निवासी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी, "ज़ीरो लाईन - एक पा... Read More...
नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.१

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग १)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.१ 'कुदरती शनाख्त' यह प्रदर्शनी प्यार का उत्सव मनाती है। प्यार दो लोगों के बीच, जो शायद समाज कथित दायरों और सीमाओं से बाहर है। नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.२ वे समाज के हाशिये पर, मुख्य धारा से अलाहिदा किय... Read More...
क़फ़स-ए-मुहब्बत...

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी भाग १

प्रस्तुत है हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी "ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कथा" के पाँच कड़ियों की पहली कड़ी: क़फ़स-ए-मुहब्बत... रात के तीन बज रहे हैं और मैं खिड़की के पास सोफे पर लेटा ढ़लती रात के चाँद को देख रहा हूँ। कमरे के दूसरे कोने में लैपटॉप ... Read More...
हिज्र - एक कविता

हिज्र – एक कविता

  हिज्र - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन तुम्हें याद है उस रात हिज्र की सुबह आते-आते आधा चाँद तुम साथ ले गए थे आधा चाँद मेरे पास रह गया था। और बिछड़ते वक़्त हम दोनों जान गए थे अब चाँद कभी पूरा न होगा कभी प... Read More...
राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम

राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम

राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। ८ दिसंबर २०१३ से १६ मई २०१४, यह दौर भारतीय राजनीति और भारत में समलैंगिकों के अधिकारों के आंदोलन, इन दोनों के लिए अत्यंत बदलावपूर्ण रहा है। इसी दौर मेरा राजनीति, समाज और विचारधाराओ... Read More...
होमोफोबिया और ट्रांस्फोबिया के विरुद्ध जागतिक दिवस

जीने की राह, ‘जीना’ की

होमोफोबिया और ट्रांस्फोबिया के विरुद्ध जागतिक दिवस १७ मई को "होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस" मनाया जाता है। समाज और देश के अनुसार समलैंगिकों और ट्रांस जेंडरों के खिलाफ द्वेष के अलग अलग रूप होते हैं. कहीं खुले-आम मार-पीट, क... Read More...
संयुक्त राष्ट्र का समलैंगिक अधिकारों के लिए म्यूज़िक वीडियो।

संयुक्त राष्ट्र की स्वागतार्ह पहल – ‘द वेलकम’ म्यूज़िक वीडियो

संयुक्त राष्ट्र का समलैंगिक अधिकारों के लिए म्यूज़िक वीडियो। पिछले दिनों एक म्युज़िक वीडियो रिलीज़ हुआ जो समलैंगिकता को मानवाधिकारों के दायरे में पेश करता है। बात कर रहा हूँ "स्वागत" ('द वेलकम') की। संयुक्त राष्ट्र के 'आज़ाद और सामान' कैम्पेन के अंतर्ग... Read More...