Hindi

'बारिश'।तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

‘बारिश’ – एक कविता

'बारिश'; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। बारिश... कुछ कहानियाँ हैं छुपी, कुछ बातें बुनी थी कब यादोंको टकराके ये गिर गयी, पता नहीं पर कुछ कह गयी, कुछ सुना गयी छोड़ गयी गीले कदमोंके निशान थोड़ी महक और दूर कहीं कौरे की लट आँगन में नाचेगी, सारी वादियाँ ... Read More...
बिग बॉस में सुशांत; तस्वीर: कलर्स

“प्रतिनिधित्त्व या अभिव्यक्ति?”

बिग बॉस में सुशांत; तस्वीर: कलर्स सुशांत दिवगीकर को लेकर ये अजीब सी ‘अशांति’ का माहौल क्यों है ? बिगबॉस का नया सीज़न शुरू हो चुका है. इस बार तमाम कंटेस्टेंट के बीच एलजीबीटी समूह से मिस्टर गे इंडिया रह चुके और हाल ही में गे वर्ल्ड कॉन्टेस्ट में शा... Read More...
पाक-भारत

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग ४/५)

गेलेक्सी हिंदी के अगस्त २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की तीसरी कड़ी। प्रस्तुत है चौथी कड़ी: पाक-भारत मुहब्बत पर कभी किसी का भी ज़ोर नहीं चलता। यह तो खुद-ब-खुद, आप ह... Read More...

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग ४/४)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ वह दोपहर का सूर्यप्रकाश, पल-छिन में होगा सागर में विलीन। ----------------------------------------- नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ पल दो पल का अस्तित्व, बेहतर है करना सच का सामना। ---------------------... Read More...
संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन।

संपादकीय ८ (३१ अगस्त, २०१४)

संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन। इस अंक की थीम है 'लगाव'। प्रशांत जोशी 'न कुछ बातें हो, न कुछ इशारे' इस कविता में पूछते हैं: "तनहाई अकेली आई थी, या अकेला था, इसलिए तनहाई आई थी?" उनके अनुसार लगाव, रूह की गहराई में महसूस होता है। जहाँ शायद श... Read More...
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें – एक कविता

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। कभी-कभी लगता हैं, बस हम एक साथ चलें न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें।   न एक दूसरे पर हक़ हो, न कुछ पाने की आस बस एक उम्मीद हो अगर कभी ठेस लगी तो संभालने के लिए होग... Read More...
'एक अंतहीन विडम्बना': रेखाचित्र: सचिन जैन, तस्वीर: कविता गुजरिया।

एक अंतहीन विडम्बना

'एक अंतहीन विडम्बना': रेखाचित्र: सचिन जैन, तस्वीर: कविता गुजरिया। अगर हम गहन विचार करें तो हमें समलैंगिकता से ज्यादा आज की राजनीती ही अप्राकृतिक नज़र आएगी। जहाँ पर कोई किसी का सगा नहीं होता। कौन कब पासा बदल ले कोई नहीं जनता। कई जगह झूठ का मुखोटा ओढ़े... Read More...
सागर गुप्ता, डायरेक्टर ऑफ़ प्रोग्रामिंग, 'कशिश' मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्वियर फिल्म फेस्टिवल

एक मुलाक़ात: सागर गुप्ता

सागर गुप्ता, डायरेक्टर ऑफ़ प्रोग्रामिंग, 'कशिश' मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्वियर फिल्म फेस्टिवल। सागर गुप्ता 'दरमियान' जैसी फिल्मों और 'रिश्ते', 'गुब्बारे', लेफ्ट राईट लेफ्ट', जस्सी जैसी कोई नहीं', 'राधा की बेटियाँ' जैसे धारावाहिकों के जाने-माने लेखक हैं... Read More...

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग ३)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ३.१ पहराव, पोशाख, और उसकी ताक़त। देखो मेरा रूप, निहारो अपनी हस्ती। हम चुंबक के ध्रुव विपरीत हैं, और उनका आपसी खिंचाव निर्विवाद। मुस्कुराओ, और निहारो यह छबि। ---------------------------------------------------------... Read More...
"ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग ३।

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग ३)

गेलेक्सी हिंदी के जुलाई २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की दूसरी कड़ी। प्रस्तुत है तीसरी कड़ी: "ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग ३ अगस्त का महीना भी शुरू हो... Read More...
संपादकीय; थीम: 'खोज'। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

संपादकीय ७ (१ जुलाई २०१४)

संपादकीय; थीम: 'खोज'। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक की थीम है 'खोज'। धारा ३७७ के खिलाफ के संघर्ष में भी एक अभिनव तरीका ढूंढा है मुंबई के हमसफ़र ट्रस्ट ने, जिन्होंने हालिया जागतिक प्राइड में धारा ३७७ के विरुद्ध एक सार्वजनिक याचिका का विमोचन किया। आ... Read More...
"धारा ३७७ का विरोध"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

धारा ३७७ विरुद्ध सार्वजनिक याचिका

"धारा ३७७ का विरोध"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। मुंबई में एक हमसफ़र ट्रस्ट नामक संस्था है जो पिछले २५ सालों से समलैंगिक अधिकारों की वकालत कर रही है। जून २०१४ में हमसफ़र ने टोरंटो में "वर्ल्ड प्राइड" के अंतर्गत आयोजित "विश्व मानवाधिकार" सम्मेलन में भारत ... Read More...