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सामाजिक स्वीकार्यता की ओर

सामाजिक स्वीकार्यता की ओर

- रेशमा प्रसाद आज मुझे एक मासिक समाचार पत्रिका 'बिहार एन.जी.ओ. कनेक्ट' के उद्घघाटन मेँ आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अंजना प्रकाश जी, रोटेरियन बिंदु सिंह जी, रोटेरियन श्रीवास्तव जी, सुमन लाल जी, समाज ... Read More...

‘अलविदा’ – एक कहानी (भाग २/२)

'अलविदा' - एक कहानी (भाग २/२) 'अलविदा' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है कपिल कुमार की २ किश्तों में पेश शृंखलाबद्ध कहानी ‘अलविदा’ का दूसरा और आखरी भाग: उसकी शादी से पहले भी मैं लौटा था। उसकी छत पर हमेशा चादरें सूखती रहती थीं। जो हवा के साथ बहु... Read More...
अलविदा - एक कहानी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

अलविदा – एक कहानी (भाग १/२)

अलविदा - एक कहानी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। प्रस्तुत है कपिल कुमार की कहानी अलविदा का पहला भाग: १ बोर्ड की परीक्षा थी। प्री-बोर्ड के बाद ही मैंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। बैचैन दिन थे। हलके सर्द खुश्क दिन। मैं सारा दिन किताब लिए छत पर पड़ा रहता था। ... Read More...
रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: Inonit.in

चुसकी – एक कहानी (भाग २/२)

चुसकी- एक कहानी (भाग २/२)। तस्वीर: inonit.in 'चुसकी' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है सोमेश कुमार रघुवंशी की २ किश्तों में पेश श्रृंखलाबद्ध कहानी ‘चुसकी’ का दूसरा और आखरी भाग: मैं समझ गया कि आज बात करना फ़िज़ूल है। अगले दिन वह अच्छे मूड में उठा ... Read More...
रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: ramaajays.blogspot.com

चुसकी – एक कहानी (भाग १/२)

प्रस्तुत है सोमेश कुमार रघुवंशी की २ किश्तों में पेश श्रृंखलाबद्ध कहानी 'चुसकी' का पहला भाग: ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: ramaajays.blogspot.com मैं आँखे पोंछता हुआ अस्पताल से बाहर... Read More...
आख़री बार - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।

‘आख़री बार’ – एक कहानी

'आख़री बार' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन। वे आख़री बार मिल रहे थे। वे चुप थे। वैसे भी उन्होंने कभी ज्यादा बातें नहीं की थी। वरुण यह मानता था कि जिनके साथ आप बात करते हैं उनके साथ आप कुछ और नहीं कर सकते। वे दोनों दो साल से एक ही ऑफिस में थे। वरुण ट्... Read More...
'नया शहर' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।

‘नया शहर’ – एक कहानी

'नया शहर' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन। नया शहर था, उसकी नींद आज फिर टूट गयी। वो सकपका कर जगा; कुछ वक़्त तक वो समझने की कोशिश करता रहा ,कहाँ है वो? बचपन में भी वो यूँ ही जग जाया करता था। दादी उस पर खीजती थी। कहती थी, "बाहर सुलाया कर इसे नींद ख़राब.... Read More...
संयुक्त राष्ट्र और समान अधिकार

संयुक्त राष्ट्र और समान अधिकार

संयुक्त राष्ट्र और समान अधिकार २४ मार्च २०१५ को भारत ने संयुक्त राष्ट्र (सं.रा.) में एक ऐसे प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जो इस वैश्विक संस्था में कार्यरत समलैंगिक स्त्री, पुरुष, उभयलैंगिक और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के जीवनसाथियों को विषमलैंगिक ज... Read More...
'यंगिस्तान ज़िंदाबाद': पुणे प्राइड परेड २०१४। तस्वीर: समपथिक ट्रस्ट।

यंगिस्तान ज़िंदाबाद

'यंगिस्तान ज़िंदाबाद': पुणे प्राइड परेड २०१४। तस्वीर: समपथिक ट्रस्ट। कोई भी काम पहली बार ही नहीं, निरंतर यशस्वी रूप से करते रहना एक चुनौती है। नवंबर ९, २०१४ की तारीख इस बात का सबूत है क्योंकि हर साल की तरह पुणे के एल.जी.बी.टी.ई इतिहास का एक हिस्सा ब... Read More...
'अजीब वो' - एक कथा। तस्वीर: सचिन जैन।

‘अजीब वह’ – एक कहानी

'अजीब वो' - एक कथा। तस्वीर: सचिन जैन। वह अजीब था। हमेशा अपने आप को समेटता रहता था, फिर भी बिखरा-सा था। हज़ारो हज़ार बातें थी, पर वह ख़ामोश था; अधूरा था वह पर उसे और कुछ मंजूर भी नहीं था, सिवाए इस अधूरेपन के। वह अजीब था। -------------------- "इट'स...... Read More...
'७ व्याख्याएं'; तस्वीर: अशोक कोरी

७ व्याख्याएँ

'७ व्याख्याएं'; तस्वीर: अशोक कोरी यौनिकता अल्पसंख्यकों के बारे में इस्तेमाल हो रहे अंग्रेजी शब्दों की हिंदी परिभाषाएँ: होमोसेक्शुअल : 'होमोसेक्शुअल' का हिंदी शब्द है "समलैंगिक"। जो व्यक्ति यौनिक और भावनात्मक रूप से अपने ही लिंग के व्यक्तियों ... Read More...
"यह जो एक बात है" - एक कविता।

‘यह जो एक बात है’ – एक कविता

- अभिजीत। "यह जो एक बात है" - एक कविता। एक बात है होठों तक जो आई नहीं, बस आँखों से है झाँकती, तुमसे कभी, मुझसे कभी, कुछ लव्ज़ हैं वह माँगती। जिनको पहन कर होठों तक आ जाए वो, आवाज़ की बाहों में बाहें ड़ाल कर इठलाएँ वो, लेकिन जो यह एक बात ... Read More...