‘संगिनी’ (श्रृंखलाबद्ध कहानी भाग २/५)
कहानी की पहली कड़ी यहाँ पढ़ें।
सोचती थी कि भगवान ने उसका मन ऐसा क्यों बनाया जो लड़की होकर भी एक लड़की को चाहने का मन करता है। क्यों ऐसी भावनायें उसके अन्दर भर दीं जिससे उसका मन प्रकृति के खिलाफ हो उठा। सवाल पर सवाल और दुखी मन। मन की मरती इच्छा और समाज क... Read More...