पहला भारतीय प्रो कुश्ती लीग इस सप्ताह शुरू हुआ। १० से २७ दिसंबर २०१५ के बीच चलने वाली इस स्पर्धा का सीधा प्रसारण टीवी के सोनी ‘मैक्स’, ‘सिक्स’ और ‘पल’ चैनलों पर ६० देशों में भारत के शाम के सात बजे होगा। ५४ कुश्ती पहलवान ६ टीमों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनमें ३० भारतीय और २४ विदेशी पहलवान हैं। इस लीग की ख़ासियत यह है, कि एक ही लीग में ओलिम्पिक खेलों में २० पदक जीतने वाले कुश्तीगर देखने को मिलेंगे। हर टीम में ९ खिलाड़ी हैं, जिनमें ५ पुरुष और ४ महिलाएं शामिल हैं।
भारत में कुश्ती दंगल सर्वपरिचित हैं और अखाड़ों में इसके अभ्यास की प्राचीन परम्परा है। आये इस लीग के कुछ भारतीय पट्ठों से मिलते हैं।
१. अमित कुमार
अमित कुमार का जन्म दिसंबर १५, १९९३ में सोनीपत के नहरी गाँव में हुआ। दूसरी कक्षा में भोजनावकाश के समय उन्होंने अपने से ५ साल बड़े लड़के को हराया। उन्होंने २०१३ कि विश्व प्रतियोगिता में बुडापेस्ट में रजत और २०१४ के राष्ट्रमंडल खेलों में सुवर्ण पदक हासिल किया।
२. योगेश्वर दत्त
योगेश्वर कुमार का जन्म २ नवम्बर १९८२ को हरयाणा में हुआ। अपने पिता के देहांत के महज़ १० दिन बाद, और घुटनों में चोट लगने के बावजूद उन्होंने दोहा के २००६ के आशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता। लन्दन ओलम्पिक में कांस्य, ग्लासगो के राष्ट्रमंडल और इन्चेयों के आशियाई खेलों में इस पद्मश्री द्वारा विभूषित खिलाड़ी ने सुवर्ण पदक जीता।
३. सुशील कुमार
मई २६, १९८३ में सुशील कुमार का जन्म नजफगढ़ के करीब बपरोला गाँव में हुआ। ओलिम्पिक खेलों में उन्होंने बेजिंग २००८ में कांस्य और लन्दन २०१२ में रजत पदक जीता। खेल रत्न, पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से विभूषित सुशील कुमार ६ दशकों बाद ओलिम्पिक में भारत को पदक दिलाने वाले कुश्तीगीर के रूप में हमेशा जाने जाएँगे।
४. बजरंग कुमार
झज्जर, हरयाणा के बजरंग कुमार का जन्म फरवरी २६, १९९४ को हुआ। इन्चेयोन के आशियाई खेलों में उन्होंने रजत, और आशियाई और विश्व प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक जीता।
५. विनेश
महिला खिलाडियों में २१ वर्षीय विनेश भी हरयाणा से हैं। उन्होंने ग्लासगो के राष्ट्रमंडल खेलों में सुवर्ण, इन्चेयोन के आशियाई खेलों में कांस्य और दोहा की आशियाई प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है।