Picture Credit: ‎Chaitanya Chapekar / QGraphy

Hindi

कविता: हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है

By रजत वर्मा (Rajat Verma)

July 16, 2021

दिल का प्यारा,मेरे दिल को अज़ीज़ है,है थोड़ा कंजूस सा,हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है।

दूर नही, सबसे करीब है,मेरी किस्मत तू ही,तू ही मेरा नसीब है,है थोड़ा कंजूस सा,हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है।

रखता है खयाल हर घड़ी वो मेरा,वो ही तो मेरा इकलौता मुरीद है,है थोड़ा कंजूस सा,हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है।

खराब इयरफोन बार बार लगाता है,पचास रुपए भी, वो न गवाता है,हरकते अजीब है, मेरी रूह के करीब है,है थोड़ा कंजूस सा,हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है।

सपनो की दुनिया से दूर वो,वास्तविकता के करीब है,समलैंगिक सा ये रिश्ता, खुशियों के करीब है,है थोड़ा कंजूस सा,हसबैंड मेरा, मक्खी चूस है।