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कोविड-19 के कारण लॉकडाउन में फँसे क्वीर व ट्रांस लोगों के लिये सुरक्षा तथा स्वयं की देखभाल सम्बन्धी सुझाव

By Gaylaxy

May 03, 2020

इस दस्तावेज़ का उद्भव 21 मार्च, 2020 को ”साथी” संगठन द्वारा (LGBTIQA + संकट+ प्रतिक्रिया) विषय पर आयोजित एक ज़ूम ™ वेबिनार के दौरान हुआ, तत्पश्चात (LGBTQIA + mental health) व्हाट्सएप ग्रुप में इस पर चर्चा हुई।

यह दस्तावेज: एल रामकृष्णन, श्याम कमला बालासुब्रमण्यन, शिल्पी बनर्जी, रितुपर्णा बोराह, अमृता सरकार और अवनीश राजू द्वारा लिखित है।इस दस्तावेज का हिन्दी अनुवाद ”रूहान अली” द्वारा किया गया है, जिसकी समीक्षा श्याम बी द्वारा की गई है। इसका अनुवाद करने के लिए देश भर से समुदाय के सदस्य आगे आए हैं, और वर्तमान में, संस्करण अंग्रेज़ी, तमिल, कन्नड़, हिंदी और मराठी में उपलब्ध हैं।

मूल लेख,अनुवाद और अद्यतन Orinam वेबसाइट पर उपलब्ध है – http://orinam.net/locked-down-safety-self-care-queer-trans/

पाठक के लिए: हम इस बात से अवगत हैं कि इनमें से कई बिंदु ऐसे लोगों के लिए सीमित उपयोग के हैं, जिनका जीवन और जीवनयापन खतरे में है, और जिनके मानसिक स्वास्थ्य पहले से ही कई सीमाओं (उदाहरण के लिए जाति, वर्ग, विकलांगता) के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जो कि लॉकडाउन के पहले से विद्यमान थीं और इसके समाप्त होने के बाद भी बनी रह सकती हैं। हम आप के सुझावों और आलोचनाओं का स्वागत करते हैं जो इसे और अधिक उपयोगी व सुलभ बनाने में मदद करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे लाभान्वित हो सकें। आप इन्हें लेख के अन्त में टिप्पणी के रूप में दर्ज कर सकते हैं।

कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में हममें से कई लोग घर के भीतर, परिवार के साथ बन्द हैं! बहुत सम्भावना है कि हमारे प्रति परिवार का व्यवहार अपमानजनक व हिंसक हो। इस लॉकडाउन के कारण हम बाहरी दुनिया से कट कर खुद को अकेला और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, ऐसे मुश्किल समय में हमनें देखभाल और सुरक्षा सम्बंधी कुछ युक्तियों का संकलन किया है। यद्यपि यह संकलन स्वयं में संपूर्ण होने का दावा नहीं करता।

1) आप इस लॉकडाउन की वजह से खुद को और भी ज्यादा अकेला व कमज़ोर महसूस कर सकते हैं, ऐसे में यदि संभव हो तो अपने दोस्तों एवं ऐसे लोगों के सम्पर्क में रहें जो आप को समझते हैं और भावनात्मक सहारा देते हैं।

2) यदि परिवार में ही कोई ऐसा सदस्य है, जिसके बारे में आप आश्वस्त हैं कि वह आप को नुक्सान नहीं पहुँचायेगा तो आप उसे भरोसे में ले सकते हैं, यदि सम्भव हो तो उनके साथ रह सकते हैं।

3) यदि आप घर पर हैं, माहौल तनावपूर्ण है और आप के पास वहाँ रहने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है, तो जेंडर/ सेक्सुअलिटी के बारे में चर्चा से बचने का प्रयास करें। जहाँ तक संभव हो, बहस व तर्क-वितर्क से दूर रहें।

4) यदि घर वाले शादी ब्याह का मुद्दा छेड़ते हैं तो धैर्य रखें क्यों कि इस हेल्थइमरजेंसी और लॉकडाऊन के रहते आप के माता-पिता न तो आप को कहीं किसी से मिलवाने ले जा सकते हैं, न ही उन लोगों को अपने घर पर आमंत्रित कर सकते हैं, इसलिये उनकी बातों को नज़रअन्दाज़ करें, भूल कर भी अपनी तरफ़ से ऐसी कोई बात न कहें जिसे सुन कर वो भड़क जायें या शारीरिक हिंसा पर उतारू हो जायें।

5) यदि शारीरिक हिंसा की सम्भावना दिखती है तो, बाहरी दरवाजे के नज़दीक रहने की कोशिश करें जिससे ऐसी स्थिति उतपन्न होने पर बाहर भाग कर बचा जा सके। घर की उन वस्तुओं से बहुत दूर रहें जिनका उपयोग मारने, चोट पहुँचाने के लिये किया जा सकता हो।

6) यदि आपके पास एक स्मार्टफोन है, तो व्हाट्सएप या अन्य माध्यमों से उन लोगों को अपनी लोकेशन भेजें, जिन पर आप भरोसा करते हैं। यह किसी आपातकाल के समय दूसरों को आप तक पहुँचाने में सहायक होगा, और आप को उनसे मदद मिल सकेगी।

7) कुछ नकद रुपये और अपने पहचान सम्बन्धी दस्तावेजों को अपने साथ रखें। जैसे- आधार, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, राशन कार्ड की ज़ीरॉक्स, ट्रांस वेलफेयर बोर्ड पहचान पत्र, जॉब कर रहे हों तो नियोक्ता द्वारा जारी की गई आईडी, बैंक पासबुक, शैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि।

8) यदि आप ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं तो आपका जेंडरडिस्फोरिया और ज़्यादा बढ़ सकता है यदि परिवार के सदस्य आपको जन्मजात लिंग के अनुरूप परम्परागत कपड़े पहनने के लिए मजबूर करते हैं। जब आप घर में बंद हों और उनकी इस बात को मानने के अलावा आपके पास और कोई विकल्प नहीं हो, तो ये सोच कर तसल्ली करें कि वे ऐसा कर के आप की उस जेंडर आईडेंटिटी को कभी नहीं छीन सकते जो आप का कानूनी अधिकार है। बस कुछ समय की बात है, ऐसा कर के किसी आसन्न खतरे को टालना बेहतर हो सकता है। आप का अस्तित्व कपड़ों से निर्धारित नहीं होता बल्कि आप वही हैं जो आप खुद को महसूस करते हैं। खुद को भावनात्मक रूप से मज़बूत बनाने की कोशिश करें। फिर भी यदि आप सहज नहीं हो पा रहे हैं तो आईने में खुद को देखने से बचें, यह आपकी असहजता को कम कर सकता है। आप के पास मनपसंद कपड़ों में आप की कुछ पसंदीदा तस्वीरें हों तो उन्हें देखें यदि आप उन्हें देख कर संतुष्टि महसूस करते हैं।

9) किसी ऐसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर उपस्थिति आप के जेंडरडिस्फोरिया को कम करने में मदद कर सकती है जहाँ आप स्वयं को मनचाही जेंडर आईडेंटिटी के साथ प्रस्तुत कर पायें, जैसे- सेकेंड लाईफ / व्हाट्सएप ग्रुप या फेसबुक की आभासी दुनिया। याद रखिये कि जेंडरडिस्फोरिया संबंधी समर्थन और जानकारियां इस महामारी के खत्म होने के बाद भी मिल सकती हैं। अभी फिलहाल खुद को सुरक्षित रखना ज़्यादा महत्वपूर्ण है।

स्वयं की देखभाल सम्बंधी अन्य सुझाव

ये सुझाव ‘कम्युनिटी मेम्बर, सहयोगी काउंसलर तथा थेरेपिस्ट’ होने के नाते हमारे अनुभवों पर आधारित हैं।

इस महामारी से पैदा हुई अफरा तफ़री के दौरान चिंता और भय के अनुक्रम में बेचैनी, तनाव, अन्तर्द्वन्द जैसी भावनायें भी पनप सकती हैं, आप आपसी बात चीत के दौरान अपना संयम खो सकते हैं, इस स्थिति का उत्पन्न होना अस्थायी भी हो सकता है और दीर्घकालिक भी। ऐसे संकट के समय में हमें अपने भीतर उठ रहे भावावेगों से परिचित होना तथा सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

हम जानते हैं कि कई बार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना मुश्किल हो सकता है। तरह तरह की भावनाएं दिन में कई बार आती जाती रहती हैं, लेकिन ऐसे वक़्त पर सम्भल के बात चीत करने तथा किसी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिये निम्न तरीके अपनाये जा सकते हैं-

एक तनावपूर्ण वार्तालाप के दौरान क्या करें?

मन में शांति स्थापित करने के तरीके

एक बार जब हम तनावपूर्ण बात चीत को रोकने या उससे दूर हटने में कामयाब हो जाते हैं, तो उसके बाद यहाँ दिये गये कुछ तरीकों से हम अपने मन की शांति को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के लिये ये तरीके अलग-अलग हो सकते हैं और हम इनमें से, अपने लिये सर्वोत्तम विकल्प चुन सकते हैं:

स्वयं को भावनात्मक रूप से सहज करने हेतु सामान्य अभ्यास-

सामुदायिक सहायता

प्रत्येक शनिवार को, नज़रिया-QFRG ”क्वीर महिलाओं और ट्रांस * व्यक्तियों” के सपोर्ट के लिये जूम कॉल सेशन आयोजित करती है। जूम मीटिंग्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए nazariya.qrfg@gmail.com पर ईमेल भेजें।

LGBTIQ + के लिए इसी तरह की ऑनलाइन मीटिंग्स का आयोजन बंगलोर में गुड एस यू (https://www.facebook.com/goodasyoublr) और Orinam (orinam.net@gmail.com) द्वारा भी किया जा रहा है।

SAATHII helpline@saathii.org के माध्यम से सूचना, सहयोग और सहायता प्रदान करता है

अन्य संसाधन :

किताबें, लेख और नियमावली

माइंडफुलनेस पर वीडियो

शारीरिक फिटनेस पर वीडियो

कृपया अपनी टिप्पणी और सुझाव nazariya.qrfg@gmail.com या LRamakrishnan@saathii.org पर भेजें