डेनियल मेंडोंका मुंबई में रहने वाले एक इंटरसेक्स व्यक्ति हैं। इंटरसेक्स व्यक्ति में जन्म से ही पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन अंग होते हैं। इंटरसेक्स लोगों में भी काफी विभिन्नता पायी जाती है – कुछ इंटरसेक्स लोगों में अस्पष्ट जननांग या आंतरिक यौन अंग होते हैं, अन्य इंटरसेक्स लोगों में क्रोमोज़ोम का मेल होता है जो XY (पुरुष) और XX (महिला) की तुलना में अलग होता है, जैसे XXY। और कुछ लोगों के गुप्त अंग पैदा होते वक़्त पूरी तरह से पुरुष या पूरी तरह से महिला अंगों की तरह दिखते हैं, लेकिन उनके आंतरिक अंग या हार्मोन किशोरवास्ता में मेल नहीं खाते हैं।
डेनियल अपनी कहानी ब्यान करते हुए कहते हैं की जब उनका जन्म हुआ तो डॉक्टर कहने लगे की लड़का हुआ है या लड़की समझ नहीं आ रहा। फिर जाँच के बाद डॉक्टरों ने बताया की यह बच्चा इंटरसेक्स है और इसका क्रोमोज़ोम टाइप XXY है, और हालाँकि यह बाहर से लड़का दीखता है, इसके अंदर लड़की की तरह अंडाशय (ओवरी) भी है। जब डेनियल के पिता को यह बात पता चली तो उन्होंने उसे अपनाने से इंकार कर दिया। डेनियल के पिता उन दोनों को छोर कर चले गए, और उनकी माँ ने उन्हें अकेले ही पाला-पोसा। हालाँकि डेनियल को एक बॉय्स स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया, उनके हाव-भाव लड़कियों की तरह थे, जिसके कारण उन्हें स्कूल में काफी उत्पीड़न का सामना पड़ा। जब वह किशोरावस्ता में पहुँचे, तो उन्हें पहला पीरियड आया। पर क्योंकि उनमे यौनि नहीं थी, उनका खून उनके गुदा से निकला, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आठ साल तक चली चिकित्सा के बाद उन्हें ऑपरेशन कर के पुरुष या स्त्री बनने का सुझाव दिया गया। डेनियल ने सर्जरी से इंकार कर दिया।
इसी बीच उनकी माँ को कैंसर हो गया।परन्तु डेनियल को कोई काम नहीं मिल रहा था, और अंत में उन्होंने सेक्स-वर्क करना शुरू किया। एक रात बांद्रा स्टेशन में ११ पुरुषों ने उनके साथ बलात्कार किया। उनकी माँ ने उन्हें सेक्स-वर्क छोड़ने को कहा। जब पुलिस आयी तो उन्होंने उनका मज़ाक उड़ाया और 377 के बारे में कहा। यह पहली बार था जब डेनियल को 377 के बारे में पता चला।इस हादसे ने उनके जीवन को जैसे बदल कर रख दिया हो। डेनियल ने अपनी पढ़ाई पूरी की, और आज वह भारत के इंटरसेक्स समुदाय का अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करते हैं।
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