सपनों पे भारी समाज
विजय की सहनशक्ति तब खत्म हुई जब हर कोई उसे चिढ़ाने लगा, कोई कहता था "तू इस कॉलेज से चला जा तेरे जैसों का यहाँ कोई काम नहीं" तो कोई उसके सामने "ए छक्के" कहकर चिढ़ाता था।
तुषार वार्ष्णेय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय के छात्र हैं ।