कहानी: मैं राँझा हो गया
वो घण्टों एक ही जगह बैठा उसका नाम पुकारता रहता। आयुष्मान की कही बात सच हो गयी थी। वो राँझा राँझा करता खुद ही राँझा हो गया था।
शशांक चौधरी एक बैंकर हैं। उन्होंने English में MA किया है और अभी एक सरकारी बैंक में कार्यरत हैं। वो विभिन्य प्लेटफार्म पर LGBTQ समुदाय पे कहानियां एवं कवितायेँ लिखते हैं।