कविता : मुखौटा
यूं तो बस मैंने अपने आप को था अपनाया,सिर्फ़ अपनी ख़ुशी के लिए कुछ करना था चाहा।कुछ थे हमारे साथ, जिन्होंने साथ छोड़ दिया,कुछ ने थामा हुआ हमारा, हाथ छोड़ दिया।क... Read More...
अंकुश अरोरा पेशे से एक इंजीनियर हैं,फोटोग्राफी उनका शौंक है, इसके अतिरिक्त वे नृत्य में और घूमने में बहुत रूचि रखते है।