ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं
ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं
कागज़ पेन से नहीं, दिल से बयां करता हूँ।
लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
समलैंगिक हूँ कोई अभिशाप नहीं
समलैंगिक हूँ कोई अभिशाप नहीं
अपनी पहचान पर अभिमान करता हूँ।
लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
सोचा बहुत था क्या कहेंगे लोग, क्या सोचेगा ज़माना
लेकिन अब और नहीं
लेकिन अब और नहीं
मैं भी इसी समाज का हिस्सा हूँ
अपनी पसंद से जीने का अधिकार रखता हूँ।
लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
ज़िन्दगी अनमोल है, और अनमोल हैं कुछ रिश्ते
ज़िन्दगी अनमोल है, और अनमोल हैं कुछ रिश्ते
उन रिश्तों को महसूस कर एक स्वप्न रोज़ जिता हूँ।
लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
एक ख्वाब ने अब आखें खोली हैं
एक ख्वाब ने अब आखें खोली हैं
एक नया मोड़ आया हैं कहानी मे
एक नया मोड़ आया हैं कहानी मे
हम भिग रहे हैं बारिश मे, और आग लगी हैं ज़माने मे।।
अपनी समलैंगिकता पर अभिमान करता हूँ।
लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।।
आप भी अपनी लिखी हुई कहानी, कविता, आत्मकथा और LGBTQ से सम्बंधित और कोई भी लेख प्रकाशन हेतु editor.hindi@gaylaxymag.com पे ईमेल द्वारा भेज सकते हैं
- बचपन मे हुए यौन शोषण के ज़ख्म… - May 1, 2019
- कविता : लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ - April 16, 2019